मुख्तार अंसारी के अवैध निर्माण पर चला बुलडोजर
करोड़ों की ‘निष्क्रांत सम्पत्ति’ पर था अवैध कब्जा
लखनऊ के डालीबाग में बने थे अवैध टॉवर
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश की बागडोर संभालते ही अपराध, अपराधियों और भू-माफियाओं के खिलाफ ‘जीरो टॉलरेंस’ के तहत जिस अभियान की शुरुआत की थी, वह निरंतर जारी है। एक-एक भू-माफिया को चिन्हित कर उसके विरुद्ध प्रभावी कार्यवाही की जा रही है। सरकारी और निजी संपत्ति पर अवैध कब्जा करने वाले माफियाओं पर कार्रवाई होने से आमजन के मन में सुरक्षा की भावना बढ़ी है।
अपराध पर ‘जीरो टॉलरेंस, के इसी अभियान के तहत करोड़ों की ‘निष्क्रांत सम्पत्ति’ पर अवैध कब्जा करने वाले दुर्दान्त माफिया सरगना मुख्तार अंसारी के अवैध निर्माण जमींदोज किए गए हैं। ‘निष्क्रांत सम्पत्ति, पर बगैर मानचित्र स्वीकृत कराए यह अवैध निर्माण कराए गए थे, जिन्हें जिला प्रशासन और लखनऊ विकास प्राधिकरण ने ध्वस्त कर दिया है।
राजधानी के थाना क्षेत्र हजरतगंज की डालीबाग कॉलोनी के ग्रैंडियर अपार्टमेंट-10 के निकट स्थित मस्जिद से लगी हुई एलडीए की भूमि पर माफिया सरगना मुख्तार अंसारी ने अवैध कब्जा किया था। इस जमीन पर दो आवासीय टॉवरों का निर्माण था। लखनऊ विकास प्राधिकरण प्रबंध तंत्र द्वारा कई बार नोटिस देने के बावजूद अवैध कब्जाधारकों द्वारा यह अवैध निर्माण नहीं हटाया गया।
जिला प्रशासन और एलडीए तंत्र ने पुलिस बल की मौजूदगी में इन अवैध निर्माणों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई की। मुख्तार अंसारी के अवैध कब्जे को खाली कराने के लिए 250 से अधिक पुलिसकर्मी और 20 से अधिक जेसीबी लगाई गईं। ध्वस्त किए गए दोनों भवन पहले मुख्तार की मां राबिया अंसारी के नाम थे। राबिया अंसारी के बाद यह संपत्ति मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास व उमर अंसारी के नाम आ गई थी।
लखनऊ विकास प्राधिकरण की संयुक्त सचिव ऋतु सुहास ने बताया कि नगर विकास अधिनियम की धारा-27 के तहत कार्रवाई की गई है। 11 अगस्त को ध्वस्तीकरण का आदेश जारी किया गया था।
अवैध कब्जाधारकों के खिलाफ जिला प्रशासन ने एफआईआर भी कराया था। बार-बार नोटिस जारी किए गए, लेकिन अवैध निर्माण नहीं हटाया गया। इस पर प्राधिकरण की नियमावली के तहत ध्वस्तीकरण ही कार्रवाई की गई। इसलिए इस अवैध निर्माण को गिराने का खर्च भी अवैध कब्जाधारकों से वसूला जाएगा।
गौरतलब है कि बाहुबली और माफियाओं की बेनामी सम्पत्तियों की जांच में जुटे अधिकारियों ने पहली बार मुख्तार अंसारी के परिवारों की अवैध सम्पतियों पर शिकंजा कसा है। हजरतगंज व उससे जुड़े इलाकों की 19 सम्पत्तियों में मुख्तार कनेक्शन खंगाला जा रहा है। इसमें बारह सम्पत्तियां हजरतगंज-रामतीर्थ वार्ड और नौ सम्पत्तियां राजा राममोहन राय वार्ड में हैं। एलडीए ने पिछले माह लालबाग में मुख्तार अंसारी से जुड़े एक अवैध निर्माण के बेसमेंट को सील किया था।
वसूला जाएगा किराया
सूत्रों की मानें तो जिला प्रशासन ‘निष्क्रांत सम्पत्ति, पर अवैध कब्जा करने की अवधि से किराया वसूलेगा, ताकि यह नजीर बन सके। भविष्य में कोई सरकारी व निजी संपत्ति सहित ‘निष्क्रांत सम्पत्ति, और ‘शत्रु संपत्ति, पर दोबारा अवैध कब्जा करने की हिम्मत न करे।
संबंधित अधिकारियों पर होगा मुकदमा
जिला प्रशासन और प्राधिकरण तंत्र ने मुख्तार अंसारी के जिस अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलवाया है, उसका निर्माण जब हुआ था। उस समय तैनात रहे संबंधित अधिकारियों व कर्मचारियों पर भी मुकदमा कायम कराया जाएगा।
यह है निष्क्रांत सम्पत्ति
‘निष्क्रांत सम्पत्ति’ यानी ऐसी सम्पत्ति जिनके स्वामी वर्ष 1956 में भारत से पाकिस्तान चले गए थे। वहीं इस अवधि के बाद जो लोग भारत से पाकिस्तान गए, वह सम्पत्तियां ‘शत्रु सम्पत्ति’ के रूप में पहचानी जाती हैं। ऐसी सम्पत्तियां राज्य के अधिकार क्षेत्र में हैं।
एंटी भू-माफिया की व्यवस्था से व्यापक बदलाव
सूबे में सरकार बनते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हर जिले में एंटी भू-माफिया स्क्वायड गठित करने के निर्देश दिए। डीएम की अध्यक्षता में जिला स्तरीय भू-माफिया स्क्वायड गठित किए गए। साथ ही अवैध कब्जे के प्रकरणों में आमजन को सुगमतापूर्वक अपनी शिकायत दर्ज कराने, शिकायत पर हुई कार्यवाही की जानकारी प्राप्त करने, अपना फीडबैक एवं सुझाव देने व वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा इन शिकायतों पर की गयी कार्यवाही का सतत् अनुश्रवण करने के उद्देश्य ‘एंटी भू-माफिया पोर्टल’ भी विकसित किया गया है।