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वैश्विक महामारी कोरोना: पीने को पानी नहीं, कैसे करें हैंडवाॅश

लखनऊ। एक ओर कोरोना संक्रमण का संकट, दूसरी ओर आलमबाग में छह दिनों से पीने के पानी की दिक्कत। ये हाल आलमबाग के कैलाशपुरी बाबू कुंज बिहारी वार्ड़ का हैं। ऐसे में इस इलाके में पिछले एक हफ्ते से स्थानीय लोगों को कोरोना संक्रमण के बीच पीने का पानी नहीं मिल पा रहा है। विभागीय लापरवाह अधिकारी इन इलाकों में ट्यूबवेल में तकनीकी दिक्कत का हवाला देते हुए जल्द व्यवस्थाएं सुधरने का भरोसा दे रहे हैं।

दो वार्डों में पानी की समस्या
इन दिनों वार्ड बाबूकुंज बिहारी व गुरु गोविंद सिंह वार्ड के क्षेत्रवासियों को पानी की समस्या से दो चार होना पड़ रहा है। कई बार विभाग से आग्रह करने के बावजूद जल संस्थान की ओर से ट्यूबवेल सही होने में छह दिन लग गए हैं। ऐसे में मजबूर होकर स्थानीय लोग टैंकर मंगा कर पानी की आपूर्ति कर रहे हैं। वार्ड नंबर 48 के कैलाशपुरी की बात करें तो लोग यहां गली.मोहल्लों में रहते हैं। पानी स्टोर करने के लिए टंकी न होने के कारण बाल्टियों में पानी स्टोर किया जाता है। यहां 20 दिनों से पानी दूषित व बदबूदार आ रहा था पर ट्यूबवेल खराब होने के कारण पानी की पूरी आपूर्ति ठप हो गई है।

गंदगी से परेशान
यहां पानी के कारण घरों में सफाई तक नहीं हो पा रही है। स्थानीय लोग कोरोना महामारी के बीच नहाने तो दूरए हैंडवाॅश तक नहीं कर पा रहे हैं। विभाग की ओर से छह दिनों से आश्वासन के सिवाए कुछ नहीं मिल रहा है।

टैंकर आते ही दौड़ भाग
पानी की समस्या से परेशान लोगों का हाल ये है कि टैंकर आते ही लोग दौड़ पड़ते हैं। ऐसे में सोशल डिस्टेंसिंग का ख्याल रख पाना मुश्किल हो रहा है। हालांकि क्षेत्रीय जागरूक नागरिक की मदद से कोरोना के खतरे को देखते हुए कुछ लोगों की ड्यूटी भी लगाई गई है।

रोजाना 15.20 फोन काॅल्स
सरकार आवश्यक सेवाओं में कोई कमी न आने का दावा कर रही है, लेकिन सच्चाई ये है कि अब भी जल संस्थान के काॅल सेंटर पर रोजाना पानी से जुड़ी समस्याओं को लेकर आलाधिकारियों को फोन काॅल्स किए जा रहे पर फोन रिसीव नहीं कर रहे हैं।

क्या कहते हैं क्षेत्रीय

मो. अरशद मंसूरी का कहना है कि कोरोना की वजह से पहले ही घर से लोग बाहर नहीं निकल रहे हैं। पानी की कमी के कारण घर तक की सफाई नहीं हो पा रही है। इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। अजय का कहना है कि एक ओर सरकार बार.बार हैंडवाॅश करने के लिए कही जा रही है। दूसरी ओर हैंडवाॅश तो दूर पीने तक का पानी नहीं है। ऐसे में हम भला क्या करें। श्री किशन का कहना है कि कोरोना के चलते जहां इमरजेंसी वाले विभागों को सतर्क रहना चाहिए था, वहीं इनके ये हाल हैं कि कभी काम करते हैं और कभी नहीं करते हैं।

क्या कहते हैं पार्षद
बाबू कुंज बिहारी वार्ड के पार्षद सुधीर मिश्रा का कहना है कि आलमबाग में कोई जलाशय तालाब न होने के कारण जल स्तर गिर गया है। मैं क्या कोई विधायक या सांसद भी यहाँ की जल समस्या से निदान नहीं दिल सकता। जल संस्थान के अधिकारियों से बार.बार शिकायत करने के बावजूद भी ट्यूबवेल का काम जल्दी नहीं किया जा रहा है, लोगों में आक्रोश है। मैं हमेशा उनके साथ हूं।

क्या कहते हैं अधिकारी
जल संस्थान के एक्सईएन राम कैलाश का कहना है कि फिलहाल इस समस्या से लोगों को निजात दिलाने के हम प्रयास कर रहे हैं टैंकर पानी की कोई कमी नहीं है। जितनी खपत है उतनी आपूर्ति है। कुछ इलाकों में दिक्कत है, तो वहां समस्या का जल्द समाधान कर दिया जाएगा। जेई अमित वर्मा ने बताया कि जिस ट्यूबवेल को हम पाँच दिनों से ठीक करने में लगे हैं, वह आज कम्प्रेशर मशीन के चलते करीब 40 फुट खोखला हो चुका है। विभाग द्वारा महीन गिट्टियां मंगाई गई हैं, जैसे ही गिट्टी आती है काम फिर से चालू हो जाएगा।

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