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शिक्षकों की सुरक्षा के लिये उत्तर प्रदेश में लागू हो हरियाणा और मध्य प्रदेश मॉडल : संघ

  • 25 अप्रैल से मूल्यांकन कार्य शुरू कराये जाने की तैयारियां तेज
  • जिला विद्यालय निरीक्षक, लखनऊ ने मूल्यांकन केन्द्रों की संख्या में बृद्धि में व्यक्त की असमर्थता, दो पालियों में मूल्यांकन कराये जाने की चर्चा 
  • लाकडाउन के समय शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के परीक्षकों को मूल्यांकन केन्द्रों तक पहुंचना सम्भव नहीं
  • हरियाणा एवं मध्य प्रदेश के शिक्षा विभाग ने शिक्षकों के घर उत्तर पुस्तिकाएं भेजकर मूल्यांकन कराने का लिया निर्णय 

बिज़नेस लिंक ब्यूरो 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं उप-मुख्यमंत्री डा0 दिनेश शर्मा से मांग की है कि वर्तमान कोरोना संकट के समय केन्दीय मूल्यांकन लागू होने से पूर्व की प्रथा तथा हरियाणा एवं मध्य प्रदेश के शिक्षा विभाग की भांति उत्तर प्रदेश में भी शिक्षकों के घर उत्तर पुस्तिकाएं भेजकर मूल्यांकन कराया जाय, जिससे सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुये शिक्षकों का जीवन सुरक्षित रह सकें और समय से उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन संभव हो सके। 

उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ लखनऊ जनपद के संगठन ने वीडियो कान्फेन्सिग के माध्यम से सम्पन्न जिला संगठन के वरिष्ठ पदाधिकारियों ने उत्तर प्रदे माध्यमिक शिक्षक संघ के अध्यक्ष एवं विधान परिषद में नेता शिक्षक दल ओम प्रकाश शर्मा, एमएलसी की मांग का पूर्ण समर्थन किया गया तथा हरियाणा एवं मध्य प्रदेश के शिक्षा विभाग द्वारा हाई स्कूल एवं इण्टरमीडिएट की उत्तर पुस्तिकाओं को शिक्षकों के घर भेजकर मूल्यांकन कराये जाने की भी बैठक में चर्चा की।

संगठन के प्रदेशीय मंत्री एवं जिला संरक्षक डा0 आरपी मिश्र, जिलाध्यक्ष डा0 आरके त्रिवेदी एवं जिलामंत्री अरुण कुमार अवस्थी ने बताया कि संज्ञान में आया है कि 25 अप्रैल, 2020 से मूल्यांकन कार्य शुरू कराये जाने के लिए तैयारियां शुरू कर दी गई हैं। जिला विद्यालय निरीक्षक, लखनऊ द्वारा भी मूल्यांकन केन्द्रों की संख्या में बृद्धि में असमर्थता व्यक्त कर दो पालियों में मूल्यांकन कराये जाने की चर्चा हैं। 

डा0 आरपी मिश्र ने बताया केन्द्र सरकार द्वारा कोरोना के वर्तमान संकट को देखते हुए लाक डाउन 03 मई, 2020 तक बढ़ाया है। कोरोना संक्रमण में प्रदेश में दूसरा स्थान प्राप्त लखनऊ में कोरोना संकट की गम्भीरता को देखते हुए इसे रेड जोन में रखा गया है तथा जिलाधिकारी लखनऊ ने 20 अप्रैल से केन्द्र एवं राज्य सरकार के कार्यालयों को न खोले जाने के लिए आदेश जारी किए हे। यह भी उल्लेखनीय है कि लखनऊ के मूल्यांकन केन्द्र हाट स्पाट या उसके समीप के क्षेत्रों में अवस्थित हैं। ऐसी स्थिति में 25 अप्रैल, 2020 से दो पालियों में मूल्यांकन कराये जाने की बात आश्चर्यजनक लगती है।

शिक्षक नेताओं ने बताया कि यदि दो पालियों में पुनः मूल्यांकन शुरू कराया जाता है तो लाक डाउन की गाइड लाइन्स का अनुपालन तो दूर कोरोना संक्रमण के कम्युनिटी स्प्रेड को कोई नही रोक सकता है क्योंकि कुछ मूल्यांकन केन्द्रों में 1400 या अधिक परीक्षक हैं। ऐसे में जब एक पाली समाप्त होगी और दूसरी शुरू होगी तो मूल्यांकन केन्द्र पर भारी भीड़ के कारण सोशल डिस्टेन्सिंग अर्थात एक परीक्षक से दूसरे परीक्षक की बीच 6 फीट की दूरी का मानक किसी भी रूप में पूरा नही हो सकता। इतना ही नही सोल डिस्टेन्सिग के लिए लागू गाइड लाइन्स के अनुसार मूल्यांकन के समय दो शिक्षकों के बीच 06 फीट की दूरी होनी चाहिए। 

शिक्षक नेताओं ने कहा इस प्रकार 20×25 फीट के कमरे में अधिकतम 12 परीक्षक ही मूल्यांकन करते हैं जबकि सामान्यतया मूल्यांकन के समय मानक से छोटे कमरों में 50 से 60 या अधिक परीक्षक तक बैठाए जाते हैं। ऐसे में दो पालियों में मूल्यांकन कराये जाने पर भी कमरो में परीक्षकों की संख्या अधिक होने के कारण सोशल डिस्टेन्सिंग का अनुपालन असम्भ्व है। इसी के साथ मूल्यांकान केन्द्रों पर गन्दे कमरों एवं शौचालयों की सफाई तथा प्रतिदन सैनेटाइजेन कराया जाना भी सम्भव नहीं है। 

शिक्षक नेताओं ने कहा, मूल्यांकन के समय हाई स्कूल में सामाजिक विज्ञान एवं विज्ञान की उत्तर पुस्तिकाएं दो परीक्षकों के बीच तथा अनेक प्रपत्र- एवार्ड ब्लन्क, सी0सी0-16, उपस्थिति पन्जिका आदि परीक्षकों तथा अन्य सहायकों के बीच साझा होती है। जिससे सामुदायिक संक्रमण की सम्भावनाए अधिक हो सकती है। सबसे महत्वपूर्ण है लाक डाउन के समय शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के परीक्षकों को मूल्यांकन केन्द्रों तक आने जाने के लिए बस, आटो, मेट्रो, ट्रेन आदि उपलब्ध नही होगें जिससे अनेक परीक्षक मूल्यांकन केन्द्रों तक पहुंचना सम्भव नही होगा।

शिक्षक नेताओं ने कहा कि उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन कराकर परीक्षा परिणाम जल्द घोषित हों यह हमारी भी जिम्मेदारी है किन्तु शिक्षकों का जीवन सुरक्षित रहे यह भी महत्वपूर्ण है। ऐसे में हमारे संगठन के अध्यक्ष ओम प्रकाश शर्मा के सुझाव तथा हरयाणा एवं मध्य प्रदे के शिक्षा विभाग की भांति उत्तर प्रदेश में भी उत्तर पुस्तिकाओं को शिक्षकों के घर भेजकर मूल्यांकन कराया जाय जिससे छात्रों की पढ़ाई के लिए एवं कम्पटीशन की तैयारी एवं परीक्षा के लिए परीक्षाफल शीघ्र घोषित हो सके।

वीडियो कान्फ्रेन्सिंग बैठक में प्रदेशीय मंत्री डा0 आर0पी मिश्र, जिलाध्यक्ष डा0 आर0के0 त्रिवेदी, प्रदेशीय मंत्री नरेन्द्र कुमार वर्मा, राज्य कार्यकारिणी सदस्य सुधा मिश्रा, समिति संयोजक सुमन लता, शिक्षक महासंघ के संयोजक चन्द्र प्रकाश शुक्ल, संर्घा समिति संयोजक इनायतुल्लाह खां, राज्य परिद सदस्य अनुराग मिश्र, अनिल शर्मा, डा0 पी0के0 पन्त, पूर्व अध्यक्ष डा0 एस0के0एस0 राठौर, जिलामंत्री अरुण कुमार अवस्थी, कोषाध्यक्ष महे चन्द्र, आय-व्यय निरीक्षक विश्वजीत सिंह, उपाध्यक्ष डा0 श्रीकान्त मणि शुक्ल, मीता श्रीवास्तव एवं मंजू चौधरी सम्मिलित हुए।

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