- जिन एमएसएमई का टर्नओवर 100 करोड़ है, वे ले सकेंगे 25 करोड़ तक लोन
- चार सालों में चुकाना होगा लोन
लखनऊ। कोरोना महामारी के चलते देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आॢथक पैकेज की घोषणा करते हुए कहा था कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को पूरा करने के लिए इस पैकेज में लैंड, लेबर, लिक्विडिटी सभी पर बल दिया गया है। इसी के तहत वित् त मंत्री निर्मला सीतारमण ने इस पैकेज को विस्तार से बताते हुये देश के अर्थ व्यवस्था की रीढ़ की हड्ड कहे जाने वाले सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग, एमएसएमई को तीन लाख करोड़ रुपये का लोन दिया जाएगा। एमएसएमई के लिए सरकार छह कदम उठाएगी। 20 लाख करोड़ रुपये के विशेष आर्थिक पैकेज के संबंध में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, ये पैकेज आत्मनिर्भर भारत अभियान की अहम कड़ी के तौर पर काम करेगा। यह देश की विकास यात्रा को नई गति देगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि 31 अक्तूबर 2020 से एमएसएमई को लोन की सुविधा मिलेगी। बिना गारंटी के 3 लाख करोड़ तक का लोन दिया जाएगा और 45 लाख एमएसएमई को इसके तहत फायदा होगा। इन्हें एक साल तक मूल धन नहीं चुकाना होगा। तनाव वाली एमएसएमई को 20,000 करोड़ का कर्ज दिया जाएगा। उन्होंने कहा, जिस एमएसएमई का टर्नओवर 100 करोड़ है वे 25 करोड़ तक लोन ले सकते हैं। जो लोन दिया जाएगा उसे चार सालों में चुकाना होगा। आकार बढ़ाने की चाहत रखने वाली एमएसएमई के लिए फंड्स ऑफ फंड्स का प्रावधान किया गया है, जिससे 50 हजार करोड़ की इक्विटी इंफ्यूजन होगी। जिस रूस्रूश्व का टर्नओवर 100 करोड़ है वे 25 करोड़ तक लोन ले सकते हैं। जो लोन दिया जाएगा उसे चार सालों में चुकाना होगा। आकार बढ़ाने की चाहत रखने वाली एमएसएमई के लिए फंड्स ऑफ फंड्स का प्रावधान किया गया है, जिससे 50 हजार करोड़ की इक्विटी इंफ्यूजन होगी।
पहले सिर्फ निवेश के आधार पर एमएसएमई की परिभाषा तय की जाती थी, पर अब टर्नओवर के आधार पर भी एमएसएमई की परिभाषा तय की जाएगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि ज्यादा निवेश वाली कंपनियों को भी एमएसएमई के दायरे में ही रखा जाएगा। माइक्रो यूनिट में 25 हजार रुपये तक का निवेश माना जाता था। इसे बदलकर एक करोड़ रुपये किया गया है। साथ ही अगर टर्नओवर पांच करोड़ तक का है, तब भी आप माइक्रो यूनिट के अंदर ही आएंगे। इससे एमएसएमई का बिजनेस करना आसान होगा और आत्मनिर्भर भारत अब मेक इन इंडिया के तहत आगे बढ़ेगा।
वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पीएम मोदी ने निर्देश दिया है कि प्रतिदिन अलग-अलग सेक्टर को लेकर जानकारी दी जाएगी। डिमांड को कैसे बढ़ाना है, डिमांड सप्लाई चेन कैसे बनी रहे और अर्थव्यवस्था कैसे दुरुस्त रहे इस पर काम करने की जरूरत है। गरीबों के खाते में सीधा पैसा पहुंच रहा है। डीबीटी के जरिए हमारी सरकार गरीबों तक मदद पहुंचाने का काम कर रही है। आत्मनिर्भर भारत बनाने के लिए जो संकल्प प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिया है, उसने देशवासियों में नई ऊर्जा भर दी है। लोग संकट में भी अवर देख रहे हैं। भारत की कंपनियों ने दुनिया में दवाइयां पहुंचाई, जिसकी काफी प्रशंसा हुई। जब तक भारत आत्मनिर्भर नहीं हो जाता, इस दिशा में काम होता रहेगा।
15 हजार रुपये से कम सैलरी वालों को मिलेगी सरकारी सहायता
सैलरी का 24 फीसदी सरकार पीएफ में जमा करेगी। इसके लिए सरकार की ओर से 2,500 करोड़ की मदद दी जा रही है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा पीएफ कॉन्ट्रीब्यूशन अगले तीन महीनों के लिए घटाया जा रहा है। यह कदम नियोक्ताओं के लिए उठाया गया है। पीएसयू को 12 फीसदी ही देना होगा। पीएसयू पीएफ का 12 फीसदी ही देंगे लेकिन कर्मचारियों को 10 फीसदी पीएफ देना होगा।