डॉ दिलीप अग्निहोत्री
लखनऊ। निवेश के क्षेत्र में योगी आदित्यनाथ सरकार का रिकार्ड शानदार रहा है। इसके पहले इतने बड़े व सफल इन्वेस्टर्स समिट पहले कभी नहीं हुए थे। इसके माध्यम से सर्वाधिक निवेश प्रस्ताव भी उत्तर प्रदेश को मिले थे। योगी सरकार इससे भी कई कदम आगे निकल गई थी। हजारों करोड़ रुपये के निवेश प्रस्तावों का शिलान्यास भी हो चुका था। उनका कार्य भी प्रगति पर था। लेकिन कोरोना व लॉक डाउन के कारण व्यवधान हुआ है। किंतु मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इससे निराश नहीं है। वह वर्तमान आपदा प्रबंधन के साथ ही भविष्य के लिए नीति निर्धारण हेतु कटिबद्ध है।
सरकार के स्तर पर यह माना गया कि वर्तमान परिस्थितियों में निवेश की सम्भावनाएं बढ़ी हैं। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इन्हें आकर्षित करने के लिए रणनीति बनाने का प्रयास शुरू भी कर दिया गया है। इसके तहत इकाइयों को आकर्षित करने व उनके लिए प्रोत्साहन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। योगी आदित्यनाथ का मानना है कि बदली हुई वैश्विक परिस्थितियों में भारत अब निवेश का एक अच्छा गंतव्य हो सकता है। इसमें उत्तर प्रदेश बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है। इसलिए निवेशकों को यह संदेश मिलना चाहिए कि उत्तर प्रदेश में निवेश बहुत लाभकारी साबित हो सकता है। सभी निवेशकों की समस्याओं का त्वरित निदान सुनिश्चित किया जाएगा। औद्योगिक इकाइयों को सक्रिय करने, प्रस्तावित इकाइयों को धरातल पर उतारने और नये निवेश को आकर्षित करने के लिए रणनीति बनायी जाएगी।
सरकार निवेशकों की समस्याओं को तत्काल संज्ञान में लेने व उनका समाधान करने के प्रति सजग है। इसके अलावा मुख्यमंत्री मौजूदा औद्योगिक इकाइयों को फिर से चालू करने के प्रति गम्भीर है। उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में नीतियों की समीक्षा भी की जा रही है। जिससे प्रगति में कोई समस्या ना हो। इस क्रम में श्रम कानूनों की समीक्षा करने और उनमें सुधार भी किया जाएगा। सम्भावित निवेशकों की जरूरतों ध्यान में रखते हुए लैण्ड बैंक बनाया जाएगा। भूमि अधिग्रहण की नई नीति पर भी विचार हो। सिक यूनिट्स की समीक्षा होगी। उनकी ग्राह्यता व भूमि के बेहतर इस्तेमाल
की योजना तैयार की जाएगी।
बीमार इकाइयों पर समुचित निर्णय लिया जाएगा। इसी के साथ उद्योगों को पुनः चालू करने के लिए वित्तीय व्यवस्थाओं पर भी फोकस होगा। फार्मा सेक्टर में सम्भावनाएं तलाशी जाएंगी। लखनऊ में फार्मा पार्क स्थापित किया जा सकता है। इण्डस्ट्रियल रिवाइवल स्ट्रेटजी के अनुसार कार्य होगा। इसके तहत मौजूदा उद्योगों, एग्जिस्टिंग इन्वेस्टमेंट पाइपलाइन तथा नये निवेशों के विषय रोडमैप बनाया जा रहा है। मौजूदा उद्योगों के लिए भारत सरकार की योजनाओं के तहत उन्हें अधिक से अधिक लाभान्वित करने प्रयास किया जाएगा। उद्योगों को चालू करने के लिए नियमों में छूट देने पर भी विचार किया जा रहा है। उद्योगों के लिए ऋण की उपलब्धता भी सुनिश्चित की जाएगी। इसके लिए भारत सरकार और बैंकों से समन्वय स्थापित करना आवश्यक होगा।
एमएसएमई सेक्टर पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। इसके लिए सम्बन्धित टैक्स एण्ड काॅम्प्लायेन्सेज एप्रूवल्स के इश्यूज, फाइनेंशियल व लिक्विडिटी,आॅपरेशनल एण्ड पाॅलिसी रिलेटेड इश्यूज का भी समाधान करना होगा। निर्यात सम्बन्धी मुद्दों को भी हल करना होगा। एग्जिस्टिंग इन्वेस्टमेंट के लिए फास्टर इश्यू रिजोल्यूशन एण्ड होल्डिंग पर फोकस करना आवश्यक होगा।जाहिर है कि योगी आदित्यनाथ वर्तमान संकट का मुकाबला करते हुए भविष्य के लिए भी तैयारी कर रहे है।