- मुख्यमंत्री ने दिए सख्त निर्देश, राशन वितरण में घटतौली की शिकायत नहीं आनी चाहिए
- अब तक 1612 ट्रेनों से प्रदेश में आ चुके है लगभग 22 लाख 80 हजार लोग
लखनऊ। कोरोना महामारी के दौरान प्रदेश में कोई भी व्यक्ति व्यक्ति भूखा नही रहेगा, जिनके पास भी राशन कार्ड नहीं है, उनका राशन कार्ड प्राथमिकता पर तत्काल बनेगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त निर्देश देते हुए कहा, दो महीने में जो भी नए राशन कार्ड बनने हैं, उनके राशन कार्ड जल्द से जल्द बनवाए जाएं। जहां भी राशन बट रहा है, वहां घटतौली की शिकायत नहीं आनी चाहिए। कम्युनिटी किचन के माध्यम से हर जरूरतमंद को गुणवत्तापूर्ण और ताजा भोजन भरपेट उपलब्ध कराया जाए।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री ने टेस्टिंग क्षमता बढ़ाने पर विशेष बल दिया देते हुए लक्ष्य दिया है कि 15,000 की टेस्टिंग क्षमता इसी सप्ताह में हर हाल में होनी चाहिए। टेस्टिंग क्षमता 10,000 से 15,000 करने के लिए राज्य सरकार ने विशेष मशीनें भी मंगवाई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा है कि कोविड 19 के विरुद्ध जंग को हर स्तर पर सतर्क रहकर लडऩे की आवश्यकता है और इसमें समन्वय बनाकर सभी लोगों को आगे आकर योगदान देना चाहिए। मेडिकल कॉलेजों और राजकीय केन्द्रीय संस्थाओं में 22 अपनी प्रोगशालाओं में कार्य शुरू हुआ है। कुल मिलाकर 31 प्रयोगशालाओं में काम होना शुरू हुआ है। मेडिकल कॉलेज, आगरा, मेरठ, कानपुर, अलीगढ़, मुरादाबाद और फिरोजाबाद बहुत संवेदनशील हैं। इनमें विशेष रूप से काम हुआ है।
अपर मुख्य सचिव, गृह अवनीश अवस्थी ने बताया 12 नए टेस्टिंग लैब के लिए भी टेंडर अब मेडिकल कॉलेज और चिकित्सा शिक्षा विभाग द्वारा कर दिया गया है, जिससे कि उनको हर हालत में आगे बढ़ाया जा सके। मेडिकल कॉलेजों को मजबूत करने के लिए 52 डेडीकेटेड कोविड हॉस्पिटल, मेडिकल हॉस्पिटल में ही बनाए गए हैं, जिनकी क्षमता ढाई हजार बेड से अधिक है। पूरे प्रदेश में लेवल-1 के 403 अस्पतालों में 72 हजार 934 बेड की व्यवस्था और लेवल-2 के 75 अस्पतालों में 16 हजार 212 बेड की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही लेवल-3 में भी 25 मेडिकल कॉलेज हैं, जिनमें 12 हजार 90 बेड की व्यवस्था की गई है, यानि पूरे प्रदेश में कुल मिलाकर 1 लाख 1 हजार 236 बेडों की व्यवस्था कोरोना मरीजों के लिए की गई है, जोकि पूरे देश में एक रिकॉर्ड है। कोविड रोगियों के लिए विशेष रूप से डायलेसिस, लेबर रूम, वेंटिलेटर युक्त आईसीयू की व्यवस्था मेडिकल कॉलेजों में कर ली गई है।
अपर मुख्य सचिव, गृह ने बताया कि चिकित्सक और अन्य मेडिकल स्टाफ की 13 प्रकार की विभिन्न ट्रेनिंग की गई है। इसके अतिरिक्त 28 हजार एनसीसी कैडेट्स को भी मेडिकल एजुकेशन विभाग द्वारा प्रशिक्षण दिया गया है। मेडिकल कॉलेज और अस्पतालों में पीपीई किट, मास्क, ग्लव्स और सेनेटाइजर आदि की पर्याप्त उपलब्धता है। प्रदेश में अब तक कुल मिलाकर 1612 ट्रेन बुधवार सुबह तक आ चुकी हैं। इन ट्रेनों में लगभग 22 लाख 80 हजार लोग आ चुके हैं। प्रदेश में केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक से भी ट्रेनें कामगार और श्रमिकों को लेकर आ रही हैं।