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परिणाम घोषित होने के दो साल बाद आपत्ति दाखिल करने का अधिकार नहीं: हाईकोर्ट

सहायक अध्यापक भर्ती मामला

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 2018 की सहायक अध्यापक भर्ती की उत्तर पुस्तिका के पुनर्मूल्यांकन के बाद मिले अंक पर दो साल बाद दाखिल याचिका पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। हाईकोर्ट ने कहा कि 2018 में ही पुनरीक्षित अंतिम परिणाम घोषित किया गया।

याची ने उस समय कोई आपत्ति नहीं की। अंतिम रूप से घोषित परिणाम पर बाद में आपत्ति करने का अधिकार नहीं है। यह आदेश न्यायमूर्ति आरआर अग्रवाल ने वंदना गुप्ता की याचिका को खारिज करते हुए दिया है।

याची ने सहायक अध्यापक भर्ती 2018 का परिणाम घोषित होने के दो साल बाद पुनर्मूल्यांकन की अर्जी दी और स्कैन कापी मांगी। याची को 61 अंक मिले थे। 17 फरवरी 2019 को पुनर्मूल्यांकन परिणाम में बढ़कर याची के 66 अंक हो गए। सामान्य व पिछड़े वर्ग अभ्यर्थी का कटऑफ अंक 67 था।

याची एक अंक से पीछे रह गई तो उसने दो सवालों 44 व 52 के जवाब पर आपत्ति करते हुए कहा कि उसके उत्तर सही हैं, जबकि सी सीरीज की मॉडल उत्तरकुंर्जी पांच जून 2018 को जारी कर दी गई थी। कोर्ट ने कहा कि पुनरीक्षित परिणाम 18 जून 2018 को जारी कर दिया गया था। याची को उसी समय आपत्ति उठानी चाहिए।

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