- ग्रेडिंग से घर खरीदना व निवेश करना होगा आसान
- वेबसाइट पर दस्तावेज अपलोड कर मांगे गए सुझाव
बिजनेस लिंक ब्यूरो
लखनऊ। प्रदेश के किसी भी शहर में रियल एस्टेट की योजनाओं में निवेश करना आसान होगा। प्रोजेक्ट की रेटिंग देखकर यह तय कर सकेंगे कि प्रोजेक्ट निवेश करने के लिए सही है या नहीं। घर लेने की सोचने वाले अब फ्रिज या एसी की तरह प्रोजेक्ट की रेटिंग देखकर तय निर्णय ले सकेंगे। उत्तर प्रदेश रियल एस्टेट अथॉरिटी (रेरा) अब बिल्डर के प्रोजेक्ट की ग्रेडिंग कराने जा रही है। इसके लिए प्रारूप भी उसने अपनी वेबसाइट पर अपलोड कर दिए हैं। रेरा ने लोगों से इस प्रारूप को बेहतर बनाने के लिए सुझाव भी मांगे हैं। लोग‚ 13 मई तक सुझाव दे सकते हैं‚ जिसे अगर उपयोगी माना गया तो शामिल किया जा सकता है।
रेरा अध्यक्ष राजीव कुमार के मुताबिक, आम तौर पर इन्वेस्टमेंट से पहले सभी लोग यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि इस प्रॉजेक्ट में इनवेस्ट करना कितना सही होगा। क्या उनका पैसा सुरक्षित होगा और समय से प्रोजेक्ट पूरा होने की क्या संभावनाएं हैं। रेरा में इस तरह का कोई विकल्प मौजूद नहीं था। इसलिए हमने इस व्यवस्था पर काम करने का फैसला लिया है। ग्रेडिंग से एक तरह का आकलन होगा बायर्स को और वे आसानी से फैसला ले सकेंगे।
यूपी रेरा के सचिव अबरार अहमद ने बताया कि हम रेरा में पंजीकृत योजनाओं और प्रमोटरों की ग्रेडिंग करने जा रहे हैं। यह ग्रेडिंग विपकास प्राधिकरण‚ औद्योगिक विकास प्राधिकरण‚ होमबायर्स एसोसिएशन‚ प्रमोटर्स असोसिएशन और दूसरे स्टेकहोल्डर्स के इन्पुट्स के आधार पर होंगे।
सचिव ने बताया कि सरकारी प्रॉजेक्ट्स की ग्रेडिंग एक से पांच के बीच में की जाएगी। एक न्यूनतम ग्रेडिंग होगी‚ जबकि पांच उच्चतम। हर साल एक नई ग्रेडिंग जारी की जाएगी‚ जिससे खरीदारों को यह समझने में आसानी होगी कि आखिर वे क्या करें। कहां इनवेस्ट करें ताकि उनका पैसा भी सुरक्षित रहे और समय से बेहतर क्वालिटी के घर भी उन्हें मिल सकें। इस तरह की ग्रेडिंग से प्रमोटरों का ट्रैक रेकॉर्ड भी रखने में आसानी होगी। प्रमोटर की ग्रेडिंग के लिए उसकी फाइनेंशियल क्वालिटी‚ सांगठनिक ढांचा‚ प्रमाणपत्र‚ ट्रैक रेकॉर्ड का आकलन किया जाएगा। निर्देशों के पालन का रेकॉर्ड और कस्टमर के फीडबैक को आधार बनाया है।