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चाल, चेहरा, चरित्र पर चली चप्पल चटा-चट

  • संतकबीर नगर में प्रभारी मंत्री की मौजूदगी में भाजपा सांसद-विधायक के बीच चले जूते
  • एक-दूसरे को दी गालियां, पुलिस को करना पड़ा हस्तक्षेप 
  • पूर्व भाजपा प्रदेश अध्यक्ष के बेटे हैं जूता चलाने वाले सांसद शरद त्रिपाठी

बिजनेस लिंक ब्यूरो 

लखनऊ। चाल, चरित्र और चेहरे की बात करने वाली भारतीय जनता पार्टी के विधायक- सांसद के बीच चप्पल-जूतों और भद्दी गालियों के आदान-प्रदान ने चुनावों से पहले बीजेपी आलाकमान को दुविधा में डाल दिया है। जनपद संतकबीर नगर में प्रभारी मंत्री आशुतोष टण्डन की मौजूदगी में आयोजित हुई निगरानी समिति की बैठक में सांसद शरद त्रिपाठी ने विधायक राकेश सिंह बघेल को सरेआम चप्पलों से पीटा। इस अराजक स्थिति को काबू करने में स्थानीय पुलिस अधीक्षक सहित फोर्स को हस्तक्षेप करना पड़ा। इस प्रकरण के बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष ने तत्काल सख्त कार्रवाई करने के संकेत जरूर दिये थे। पर, सूत्रों का दावा है कि पूर्वांचल में जातीय गणित साधने के चलते सुलह-समझौते के विकल्प को गले लगाया जा सकता है।

मामला यूपी के संत कबीरनगर का है। निगरानी समिति की बैठक में सांसद शरत त्रिपाठी ने विधायक राकेश बघेल की चप्पलों से जमकर धुनाई करने का ये रूप सामने आया है। बताया जाता है कि सडक़ का शिलान्यास विधायक ने कर दिया था और शिलान्यास शीलापट्ट पर अपना नाम तो दिया, लेकिन सांसद का नाम नदारद था। बताया जा रहा है कि इस जूता काण्ड का कारण शिलापट्ट पर सांसद का नाम न होना बना। प्रभारी मंत्री की उपस्थिति में चल रही बैठक के दौरान सांसद शरद त्रिपाठी ने पीडब्ल्यूडी प्रांतीय खंड के एक्सईएन एके दूबे से कहा कि करमैनी-बेलौली बंधे की मरम्मत कार्य के शिलान्यास पट्टिïका में केवल विधायक का ही नाम क्यों है, क्या सांसद का नाम नहीं रह सकता? ये किस गाइडलाइन में है? मुझे बतायें। इस पर एक्सईएन ने कहा कि गलती हो गई, सुधार कर दिया जाएगा। लेकिन सांसद शरद का गुस्सा यहीं नहीं थमा। जैसे ही विधायक राकेश सिंह बघेल ने हस्तपेक्ष किया, सांसद तैश में आ गए और जूता निकाल कर अपनी ही पार्टी के विधायक को धुन डाला।

देश को शर्मसार करने वाली इस घटना के बाद विधायक राकेश सिंह बघेल के समर्थकों ने कलेक्टर का घेराव किया और सांसद के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। जानकारों की मानें तो हालात इतने तनावपूर्ण थे कि कलेक्ट्रेट के बाहर समर्थकों को कंट्रोल करने में पुलिस के पसीने छूट गये। बाहर भारी पुलिस बल तैनात करना पड़ा। बताया जा रहा है कि इस वक्त भी हालात तनाव पूर्ण हैं। दोनों से पार्टी ने इस पूरे मामले की रिपोर्ट मांगी है। सांसद और विधायक के खिलाफ कार्रवाई की चर्चा है। वहीं चर्चा यह भी है कि लोकसभा चुनाव को देखते हुये पूर्वांचल में ब्राह्मïण और क्षत्रिय वर्ग को पार्टी नाराज नहीं करना चाहती। इसलिये कोई भी निर्णय लेने से पहले नफा-नुकशान के सभी पहलुओं का बारीकी से अध्ययन कर लेना चाहती है। बहरहाल, इस प्रकरण ने भाजपा की फजीहत कर डाली है।

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