35 रुपए प्रति स्क्वायर फीट डेवलपमेंट चार्ज देना होगा
55 लाख बढ़ सकते हैं प्रदेश में कनेक्शन
35 लाख लगभग घर हैं अविकसित कॉलोनियों में
250 से अधिक अविकसित कॉलोनी हैं राजधानी में
लखनऊ। कटिया और अवैध कनेक्शन की समस्या से जूझ रहे विद्युत विभाग ने नया प्रस्ताव तैयार किया है। प्रस्ताव के तहत अविकसित कालोनियों में बिजली कनेक्शन को आसान बनाया गया है। दरअसल, उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन कटिया व अवैध कनेक्शन की बड़ी समस्या से जूझ रहा है। खासकर यह समस्या अविकसित कालोनियों व घनी आबादी वाले क्षेत्रों में बहुत अधिक है। दूरी की वजह से इन स्थानों पर बहुत से ऐसे लोग रहते हैं जिन्हें कनेक्शन दे पाना आसान नहीं होता। ऐसे में विभागीय कर्मचारियों की मिलीभगत से सभी बिजली का उपयोग करते हैं। जो विभाग की नजर में अवैध होता है और जिसका बिल विद्युत विभाग को नहीं मिल पाता। जिससे विभाग को राजस्व का नुकसान होता है। इस समस्या से निजात पाने के लिए प्रदेश के ऊर्जा विभाग ने सभी को कनेक्शन देने की तैयारी की है। इसके तहत अविकसित कॉलोनियों में भी कनेक्शन दिया जाएगा। इसके लिए लोगों को डेवलपमेंट चार्ज के रूप में बड़ी रकम चुकानी होगी। जिसे चुकाने के लिए किस्तों की सुविधा भी दी जाएगी। विभाग का मानना है कि इससे प्रदेश भर में बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। अकेले राजधानी लखनऊ में ही करीब 250 अविकसित कॉलोनी वासियों को इस सुविधा से कनेक्शन लेने में आसानी होगी। गौरतलब है कि शहरों के आउटर इलाकों में तेजी से विकास हो रहा है। इन क्षेत्रों में डेवलपमेंट अॅथारिटी के साथ ही कई सारे निजी बिल्डर्स भी कालोनियां बना रहे हैं। विकसित हो रही कालोनियों में कुछ वैध हैं तो कई सारी अवैध। अवैध कालोनियों में बिल्डर्स मकान व प्लाट बेचने के लिए बिजली के खंभे लगवा देते हैं लेकिन विद्युत आपूर्ति की समूचित व्यवस्था नहीं रहती है। बिना एलडीए या अन्य अथॉरिटी की अनुमति से प्लाटिंग वाली कालोनियों में उपभोक्ताओं को कनेक्शन लेने में विद्युत विभाग के चक्कर लगाने पड़ते हैं। एक-एक उपभोक्ता को लाखों रुपए खर्च करने पड़ते हैं तब जाकर कनेक्शन मिल पाता है। इस समस्या को देखते हुए अविकसित कॉलोनी वासियों को विद्युत विभाग कनेक्शन देने के लिए यह प्रक्रिया अपनाने जा रहा है।
35 रुपये प्रति स्क्वायर फीट होगा चार्ज
सरकार की नयी योजना के तहत अविकसित कालोनी में रहने वाले लोग 35 रुपये प्रति स्क्वायर फीट की दर से डेवलपमेंट चार्ज देकर कनेक्शन ले सकेंगे। अधिकारियों के मुताबिक यह बिजली कनेक्शन लेने और बिजली का उपयोग करने का वैध तरीका होगा। योजना में नयी कॉलोनियों के साथ ही पुरानी कॉलोनियों को भी शामिल किया जाएगा। साथ ही डेवपलमेंट चार्ज उन उपभोक्ताओं से भी वसूले जाने की तैयारी है, जिन्होंने कर्मचारियों की मिलीभगत से 40 मीटर से अधिक दूरी होने के बावजूद कनेक्शन हासिल कर लिया है।
अब तक है यह नियम
अभी तक के नियम के अनुसार जिन अविकसित कॉलोनियों में विद्युत प्रणाली विकसित नहीं है उन्हें नियमत: कनेक्शन नहीं दिया जाएगा। हालांकि लोग घर बनाने के बाद विभागीय कर्मचारियों से मिलीभगत कर 100 से 200 मीटर के केबिल बल्ली पर लगाकर कनेक्शन ले लेते हैं। दूरी अधिक होने के बावजूद रिकॉर्ड में वे 40 मीटर के अंदर ही होते हैं, या फिर बिजली चोरी से जलाते हैं।
बिल जमा करने की सुविधा किस्तों में
विद्युत विभाग के अधिकारियों की माने तो इस योजना के तहत शुल्क अदा करने की सुविधा दी जाएगी। एक हजार वर्ग फीट का प्लॉट खरीदने वाले व्यक्ति को कनेक्शन के लिए डेवलपमेंट चार्ज ही 35,000 देना होगा। लेकिन इस रकम को वह किस्तों में ले सकेगा। जो उसके बिल में हर माह जुड़कर आएगा। विभाग सीमित किस्तों में यह सुविधा देने की तैयारी कर रहा है।
हाल ही में किया था प्रस्ताव
नियामक आयोग में हाल ही में एक प्रस्ताव में कहा गया था कि अविकसित कालोनियों में कनेक्शन दिए जाएं तो प्रदेश में 55 लाख उपभोक्ता बढ़ सकते हैं। ये सभी वे उपभोक्ता हैं तो प्रदेश भर में बिजली तो प्रयोग कर रहे हैं, लेकिन वैध कनेक्शन न होने के कारण उनका बिल बिजली विभाग विभिन्न कारणों से नहीं वसूल पा रहा है। विभागीय अधिकारियों का अनुमान है कि प्रदेश में करीब 35 लाख ऐसे घर हैं जो अविकसित कॉलोनियां में हैं और जहां पर विद्युत प्रणाली विकसित नहीं हैं। अब इन सभी में कनेक्शन मिल सकेंगे।
-प्रस्ताव को वित्त विभाग के पास परमीशन के लिए भेजा गया है। वहां से अनुमति मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
विशाल चौहान, प्रबंध निदेशक पावर कॉरपोरेशन