बिल्डरों की मनमानी से परेशान लोगों के लिए एक बड़ी खबर है। बता दें कि आज से रियल एस्टेट रेग्यूलेशन एक्ट यानि की रेरा लागू हो रहा है। इस एक्ट के लागू हो जाने के बाद यदि बिल्डर कोई धांधली करता है तो उसे 3-5 साल की सजा हो सकती है।
बता दें कि इस एक्ट के लागू हो जाने के बाद से खरीददार प्रभावशाली हो जाएंगे और बिल्डरों को अपने सभी वादे पूरे
करने होंगे। एक्ट के तहत सभी बिल्डरों को प्रोजेक्ट लॉन्च के तीन महीने के समय में उसे नियामक प्राधिकरण में रजिस्टर्ड कराना होगा।
जिसमें बिल्डर को प्रमोटर, परियोजना, ले-आउट, योजना, भूमि की स्थिति, समझौते, रियल एस्टेट एजेंट, ठेकेदार, इंजीनियरों आदि के बारे में विस्तृत जानकारी देनी होगी। इसके साथ ही प्रोजेक्ट के पूरा होने की तारीख भी बतानी होगी।
यदि किन्हीं कारणवश प्रोजेक्ट समय पर पूरा नहीं हो पाता है तो बिल्डर को 3-5 साल की जेल और जुर्माना भी हो सकता है। इसके साथ ही जुर्माने की राशि बिल्डर खुद चुकाएंगे। इसका भार खरीददारों पर नहीं डाला जाएगा। बता दें कि राज्य सरकारों को प्राधिकरण का गठन करना होगा।
गौरतलब है कि रेरा पिछले साल मार्च में संसद में पास हुआ था। जिसके बाद राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह कानून बन गया। इस एक्ट के तहत 92 धाराएं है जोकि आज से प्रभावी हो जाएंगी।
फिलहाल 13 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों ने ही अब तक इसके नियम अधिसूचित किए हैं। इनमें उत्तर प्रदेश, गुजरात, ओडिशा, आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, बिहार, अंडमान निकोबार द्वीपसमूह, चंडीगढ़, दादर और नागर हवेली, दमनदीव, लक्षद्वीप शामिल हैं।
वहीं सरकार का कहना है कि यह एक्ट खरीददारों और बिल्डरों दोनों के लिए फायदेमंद है।
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