- गोला मार्केट के कायाकल्प से बढ़ेगी शान
- अंग्रेजों के जमाने की है बाजार
- जर्जर दुकानों में हो रहा कारोबार, नये निर्माण से भरेगी बोर्ड की तिजोरी
लखनऊ। कैंट के सदर क्षेत्र में अंगे्रजों के जमाने की बाजार गोला मार्केट का कायाकल्प होने से समूचे छावनी क्षेत्र की शान बढ़ेगी। असल में सदर की यही एक ऐसी बाजार है जिसमें किसी जमाने में सीतापुर रोड स्थित अंग्रेजों की पल्टन छावनी से आयी फौज के जवानों व उनके परिवारों की दैनिक जरूरतों की सामग्री की बिक्री हिन्दुस्तान के व्यापारी करते थे। छावनी में प्रवेश करते ही पडऩे वाली इस गोला बाजार में पूर्व के वर्षो में जरूरत की सभी सामग्री मुहैया हो जाया करती थी। उस जमाने में गोला बाजार के बाहरी हिस्से में कपड़ा मार्केट, दूसरे छोर पर बेकरी, प्रवेश करने पर अन्दर गोलाकार आकार में किराना मार्केट आबाद थी। इसी प्रकार गोला मार्केट में दर्जी खाना, मक्खन मार्केट, अण्डा मार्केट, मीट मार्केट के साथ ही मछली मार्केट भी संचालित था। समय गुजरने के साथ ही जब इस मार्केट की उचित देखरेख व मरम्मत के कार्य संभव नहीं हो सके और तत्कालीन दुकानदारों की मृत्यु हो जाने पर उनके परिजनों की ओर से धीरे-धीरे कारोबार बदल दिये जाने से इनमें से मक्खन, मछली व अण्डा मार्केट का अस्तित्व समाप्त हो गया।
अब स्थिति यह है कि पूरी बाजार में करीब विभिन्न प्रकार का कारोबार करने वाले करीब 200 दुकानदार हैं। इनमें से कुछ पुराने बचे हुए हैं तो कुछ ने पुराने कब्जादारों से दुकान की जैसे- तैसे खरीद कर इसमें अपना व्यवसाय शुरू कर दिया है। जिसके चलते कई दुकानों के नामान्तरण का मामला छावनी परिषद में लम्बित चल रहा है। बताया जाता है कि इन दुकानदारों से भी पुराने समय का किराया के रूप में प्रति माह का 50 या 100 रुपया ही छावनी परिषद की तिजोरी में जमा हो पाता है। पिछले वर्षो में गोला बाजार के कायाकल्प का प्रस्ताव तैयार करा छावनी परिषद सदन की बैठक में लाकर पारित कराया गया था पर बाद में यह ठंडे बस्ते में चला गया। अब छावनी की अन्य मार्केटों व शापिंग काम्प्लेक्सों में दुकानों के निर्माण के प्रस्ताव के साथ ही एक बार फिर से गोला बाजार के कायाकल्प की मांग तेज हो उठी है। निर्वाचित सदस्यों का मानना है कि नये सिरे से गोला बाजार का निर्माण कराने से छावनी परिषद को जहां खासी आय होगी वहीं समूचे सदर क्षेत्र की सुन्दरता भी बढ़ेगी। मौजूदा समय में जर्जर व फटे- पुराने टेंटों व टट्रों के बीच संचालित दुकानों में बारिश के दिनों में करोबार कर पाना दुश्वारियों भरा होता है।
गोला मार्केट के मुख्य प्रवेश द्वार जो संकरा होने के साथ ही यहां के पत्थर पूरी तरह से उखड़ चुके है, जिससे दुकानदार व खरीदारों को आवागमन में दिक्कतों से जूझना पड़ रहा है। निर्वाचित सदस्यों का कहना है कि छावनी परिषद इस मार्केट का नये सिरे से निर्माण कराएं। अण्डरग्राउंड पार्किंग की व्यवस्था कराने के साथ ही दो फ्लोर का नया मार्केट आबाद किया जाए। जिसमें विभिन्न प्रकार की दैनिक उपयोग की सामग्रियों की बिक्री की दुकानें संचालित हो, ताकि छावनी के नागरिकों को शहर की अन्य बाजारों में जाने की जरूरत नहीं पड़े। सदस्यों का कहना है कि जो पुराने समय के दुकानदार हैं उन्हें नयी बाजार में सेल्फ फाइनेन्स स्कीम के तहत व्यवसाय करने के लिए नयी मार्केट में दुकान मुहैया करायी जाएं। नयी मार्केट के निर्माण का कार्य पूरा होने तक उन्हें एक ओर कारोबार जारी रखने के लिए स्थल मुहैया कराया जाए।
अवैध रूप से दुकान कब्जाये लोगों को हटाया जाए। सदस्यों का मानना है कि गोला बाजार में काफी जगह होने से दो फ्लोर पर सैकड़ों की संख्या में नयी दुकानों का निर्माण होने से छावनी परिषद भविष्य में इनकी नीलामी करा अपनी आय खासी बढ़ा सकती है। फिलहाल छावनी परिषद गोला बाजार के कायाकल्प के प्रस्ताव पर विचार शुरू कर दिया है माना जा रहा है कि अगले वर्ष के बजट में इस बारे में प्रावधान कर नये सिरे से निर्माण कराने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है। ऐसा होने से समूचे सदर क्षेत्र की शान बढऩे के साथ ही छावनी परिषद की तिजोरी भी भरेगी।