बीज ने बेचने वाले कर्मचारी झूठे आरोप में हो रहे हैं निलंबित
उद्यान व खाद्य प्रसंस्करण विभाग का मामला
लखनऊ। किसानों को मिलने वाले अनुदान में होने वाले घपले पर अंकुश लगाने के लिए शुरू की गई डीबीटी (डायरेक्ट बेनफिट ट्रांसफर) योजना में उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग के अधिकारियों ने सेंध लगाने का रास्ता निकाल लिया है। अधिकारी किसानों को अनुदान की राशि देने का लालच देकर कर्मचारियों के माध्यम से बीज खरीदने के लिए मजबूर कर रहे हैं। उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण महासंघ ने शासन व निदेशक को पत्र देकर इस प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच करने की मांग की है।
सूत्रों के मुताबिक, अधिकारियों के मनमाने रवैये के कारण किसानों को डीबीटी योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है। डीबीटी योजना के तहत बीज, खाद व कीटनाशक दवाओं के लिये कुछ निजी संस्थाओं को सूचीबद्ध किया गया। किसानों से कहा गया कि वह इन संस्थानों से बीज, खाद व कीटनाशक दवायें खरीदकर बीजक किसान बही खाता, आधार कार्ड व बैंक खाते के साथ विभाग को उपलब्ध कराये। विभाग अनुदान की राशि सीधे किसानों के खाते में भेज देगा। पर, विभागीय अधिकारियों ने इस योजना में भी सेंध लगाने का रास्ता निकाल लिया।
जानकारों की मानें तो लखनऊ के जिला उद्यान अधिकारी ने किसानों को बीज बेचने से मना करने पर दो कर्मचारियों को झूठा आरोप लगाकर निलबिंत कर दिया। जिला उद्यान अधिकारी लखनऊ कार्यालय में तैनात कर्मचारी कृष्ण कुमार ने उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण महासंघ को पत्र देकर कहा है कि जिला उद्यान अधिकारी डीके वर्मा ने गत दिनों उनको लौकी, करेला, तरोई व खीरा का बीज किसानों को बेचने के लिये दिया। अधिकारी ने कहा कि किसानों से कहा जाय कि अनुदान की राशि उनके खाते में आने पर बीज के दाम का भुगतान करेंगे। किसानों को निजी संस्थाओं से बीजों की खरीद कर बीजक भी उपलब्ध कराया गया।
कर्मचारी का कहना है कि उसने काफी बीज बेचा लेकिन कई कारणों से अधिकारी द्वारा दिया गया पूरा बीज नहीं बेच सका। इस पर जिला उद्यान अधिकारी ने उनको कार्यालय बुलाकर पूरा बीज न बेचने पर नौकरी करना सिखा देने की धमकी दी। जब काफी प्रयास के बाद भी वह बीज नहीं बेच पाया तो जिला उद्यान अधिकारी ने उसको कार्यालय में मदिरापान व उनके साथ अभद्रता करने का झूठा आरोप लगा कर निलम्बित कर दिया। विभाग में तैनात एक अन्य निलंबित कर्मचारी रजवन्त सिंह ने भी जिला उद्यान अधिकारी पर यह आरोप लगाया है।
महासंघ के अध्यक्ष बलराम सिंह का कहना है कि लखनऊ के अलावा कई अन्य जनपदों में किसानों को कर्मचारियों के माध्यम से बीज, खाद व कीटनाशक दवायें बेची जा रही हैं। जो कर्मचारी अधिकारियों के इस गोरखधंधे में असहयोग कर रहे हैं उनको प्रताडि़त किया जा रहा है। इस गोरखधंधे से डीबीटी योजना का लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा है। अधिकारी किसानों को अनुदान की राशि देने का लालच देकर कर्मचारियों से बीज, खाद व कीटनाशक दवायें खरीदने के लिए बाध्य कर रहे हैं। इस गोरखधंधे में कुछ निजी संस्थान भी शामिल हैं। महासंघ ने शासन व निदेशक से इस मामले की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की है।
गौरतलब है कि उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण विभाग किसानों को फल व सब्जी का उत्पादन करने के लिए कई योजनायें चला रहा है। योजनाओं के तहत किसानों को बीज, खाद व कीटनाशक दवाओं पर अनुदान देता है। पूर्व में विभाग किसानों को निजी संस्थानों से बीज, खाद व कीटनाशक दवायें खरीदकर किसानों को आपूॢत करता था। अक्सर अधिकारियों पर बीज, खाद व कीटनाशक दवाओं के खरीद व किसानों को देने में घोटाले का आरोप लगता था। इन अनियमितताओं पर अंकुश लगाने के लिये शासन ने वर्तमान वित्तीय वर्ष से डीबीटी योजना शुरू की।
लखनऊ के अलावा कई अन्य जनपदों में जो कर्मचारी अधिकारियों के इस गोरखधंधे में असहयोग कर रहे हैं उनको प्रताडि़त किया जा रहा है। इस गोरखधंधे से डीबीटी योजना का लाभ किसानों को नहीं मिल पा रहा है।
बलराम सिंह
अध्यक्ष, उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण महासंघ
कृष्ण कुमार व रजवन्त सिंह को कार्यालय में शराब पीने तथा अभद्र व्यवहार करने के आरोप में पूर्व में निलम्बित किया गया था। किसानों को बीज बेचने का कहीं मामला नहीं है। विभाग नियमानुसार किसानों के हित में काम कर रहा है।
डीके वर्मा
जिला उद्यान अधिकारी, लखनऊ