रोडवेज के चालक शीशे पर वाइपर न होने पर रगड़ रहे नींबू
लखनऊ से बाहर डिपो में मेंटेनेंस पर नहीं दिया जा रहा ध्यान
लखनऊ। अभी तक आपने नींबू को या तो किसी कपड़े पर लगे गहरे दाग को छुड़ाने के लिए इस्तेमाल होते देखा होगा या फिर किसी टोने-टोटके के तौर पर। लेकिन आप यह सुनकर हैरान रह जाएंगे कि उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम बरसात में अपनी बसों के शीशों पर बारिश की बूंदे हटाने के लिए नींबू का इस्तेमाल कर रहा है। परिवहन निगम में बसों के शीशों पर वाइपर न होने से नींबू का इस्तेमाल कर बारिश का पानी शीशे पर न रुकने वाला वीडियो हाल ही में वायरल हुआ है। ये विडियो परिवहन निगम मुख्यालय के अधिकारियों के पास भी पहुंचा, जिसे बेहद दिलचस्पी से देखा जा रहा है। बसों के शीशों से वाइपर तो गायब है ही, कई ऐसी बसें अभी भी शहर से दूर के डिपो में संचालित हो रही हैं जिनकी टपकती सीलिंग आपको बस के अंदर भी बारिश का एहसास दिला देगी। उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम प्रशासन ने बारिश शुरू होने से पहले ही प्रदेश के सभी रीजनों को बसों के शीशों पर वाइपर लगाने के साथ ही बस की सीलिंग दुरुस्त करने का आदेश जारी किया था। लखनऊ रीजन के अमूमन सभी डिपो में यह काम पूरा कर लिए गए, लेकिन बाहरी डिपो के अधिकारी मेंटेनेंस पर ध्यान देने की बजाय अपनी जेबों पर ज्यादा ध्यान देने में लगे रहे, नतीजतन बारिश के दौरान भी बाहरी डिपो की ऐसी बसें संचालित हो रही हैं जिनकी छतें टपक रही हैं और वर्षों से बसों से गायब हुए वाइपर आज भी लगाए नहीं गए हैं। बरसात में बसों के शीशों पर वाइपर न होने के चलते रात में बारिश होने पर संचालन में समस्या आ रही है। कई बसें तो दुर्घटनाग्रस्त भी हो चुकी हैं। इसके बाद भी वाइपर लगाने की जहमत अधिकारियों ने नहीं उठाई। कार्यशालाओं में बसों के मेंटेनेंस पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
चालक ने शीशे पर रगड़ा नींबू
कानपुर डिपो की एक ऐसी ही बस इन दिनों सुर्खियों में है। इस बस के शीशों पर भीषण बारिश में वाइपर गायब थे, ऐसे में बस के संचालन में समस्या हो रही थी। लेकिन बस सवार यात्री बारिश शुरू होते ही यह देखकर चौंक गए जब चालक ने बस किनारे लगाकर शीशे पर नींबू रगडऩा शुरू कर दिया। यात्री हैरत में थे कि भला नींबू से बारिश का क्या लेना-देना। आनन-फानन में ड्राइवर ने अपने सामने वाले शीशे पर नींबू रगड़ा और तेजी से बस भगानी शुरू कर दी। यात्री आश्चर्य चकित थे कि तेज बारिश में बस के शीशे पर एक भी बूंद ठहर नहीं रही थी। ऐसे में ड्राइवर ने वाइपर की कोई कमी ही महसूस नहीं होने दी।
कार्यशालाओं में की जाए नींबू की व्यवस्था
परिवहन निगम मुख्यालय पर रोडवेज अधिकारी जब इस वीडियो को देख रहे थे तो हंसी के मूड में आपस में यह चर्चा भी करने लगे कि अब बसों में वाइपर पर होने वाला खर्च नींबू खरीदने में किया जाए। बारिश के दौरान बसों में वाइपर लगाने की बजाय ड्राइवरों को रूट पर निकलने से पहले दो से तीन नींबू दे दिए जाएं। जब भी बारिश हो तो वे शीशों पर नींबू रगड़कर बसों का संचालन निर्बाध जारी रखें।