होटलों के सुन्दरीकरण के लिए शासन ने दिया था बजट
सभी होटलों के व्यवसाय का लक्ष्य किया गया था निर्धारित
लखनऊ। उत्तर प्रदेश पर्यटन विकास निगम का व्यवसाय होटलों के सुन्दरीकरण के बाद भी नहीं बढ़ा। होटलों के सुन्दरीकरण में 14 करोड़ रुपये खर्च किये गये थे लेकिन इसके बाद भी वित्तीय वर्ष 2016-2017 का व्यवसाय पिछले वित्तीय वर्ष की अपेक्षा नहीं बढ़ा। निगम प्रशासन ने वित्तीय वर्ष 2016-2017 में होटलों के लिए जो लक्ष्य निर्धारित किया था कई प्रबंधक उसको पूरा नहीं कर सके। निगम प्रशासन लक्ष्य पूरा न करने वाले प्रबंधकों के खिलाफ कार्रवाई करेगा। इसमें से कई प्रबंधक हटाये जा सकते हैं। उत्तर प्रदेश पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक ने सभी होटलों के प्रबंधकों के साथ बैठक कर वित्तीय वर्ष 2016-2017 की समीक्षा की। समीक्षा के दौरान पाया गया कि निगम के सभी होटलों ने तीन करोड़ 40 लाख का लाभ कमाया है। यह लाभ वित्तीय वर्ष 2015-2016 से करीब दस लाख रुपये कम है। निगम ने पिछले वित्तीय वर्ष 2015-2016 में करीब साढ़े तीन करोड़ का लाभ अर्जित किया था। प्रबंध निदेशक ने वित्तीय वर्ष 2016-2017 के शुरू होने पर ही सभी होटलों का वर्तमान वित्तीय वर्ष में व्यवसाय का लक्ष्य निर्धारित किया था। प्रबंध निदेशक ने निगम का व्यवसाय 50 करोड़ और लाभ दस करोड़ करने का लक्ष्य निर्धारित किया था। बताते चलें कि शासन ने वित्तीय वर्ष 2015-2016 में निगम को होटलों के सुन्दरीकरण के लिए 14 करोड़ रुपये दिये थे। यह पहला मौका था जब शासन ने निगम को आर्थिक सहायता दी थी। दरअसल निगम का कहना था कि धन के अभाव में वह होटलों का सुन्दरीकरण व उच्चीकरण नहीं कर पा रहा है। इसका विपरीत असर होटलों के व्यवसाय पर पड़ रहा है। शासन यदि निगम को होटलों के सुन्दरीकरण के लिए आर्थिक मदद करेगा तो होटलों का व्यवसाय बढ़ जाएगा। शासन से मिले धन से लखनऊ, इलाहाबाद, अयोध्या, आगरा, झांसी, चित्रकूट सहित जिन एक दर्जन होटलों का सुन्दरीकरण किया गया था, उन होटलों का समीक्षा के दौरान पाया गया कि उनमें से कई होटलों का व्यवसाय निर्धारित लक्ष्य से कम हुआ है। प्रबंध निदेशक ने बीते फरवरी महीने में होटलों के व्यवसाय की समीक्षा के दौरान लक्ष्य ेेंंके अनुरूप व्यवसाय न करने पर इलाहाबाद, झांसी, अयोध्या, आगरा, चित्रकूट व बरेली के प्रबंधकों को चेतावनी दी थी। प्रबंध निदेशक ने इन प्रबंधकों को चेतावनी दी कि यदि उन्होंने अपने कार्य में सुधार नहीं किया तो उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। प्रबंध निदेशक की चेतावनी के बावजूद इसमें से कई होटलों के व्यवसाय में सुधार नहीं हुआ है। निगम में ए, बी व सी श्रेणी के 83 होटल हैं जिसमें घाटे और अन्य कारणों से 31 होटल बंद हैं। निगम में वर्तमान में ए श्रेणी के 17, बी श्रेणी के 13 और सी श्रेणी के 22 होटल चालू हालत में हैं।
Check Also
सपा के प्रदेश सचिव बनें विनय श्रीवास्तव
बिजनेस लिंक ब्यूरो लखनऊ। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष …