- पं. दीनदयाल ग्रामोद्योग रोजगार योजना के तहत मिलेगा 13 प्रतिशत तक ब्याज उपादान
लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने एक जनपद एक उत्पाद योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित उद्योगों को नवीनतम् तकनीक से सुसज्जित करने एवं उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत बनाने के लिए पं. दीनदयाल ग्रामोद्योग रोजगार योजना शुरू की है। इस योजना के माध्यम से प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम से वित्तपोषित, स्थापित इकाइयों को ब्याज उपादान की सुविधा उपलब्ध कराई जायेगी। योजना के सुचारू एवं प्रभावी क्रियान्वयन के लिये विभागीय अधिकारियों को सख्त निर्देश भी दिए गए हैं।
खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री सत्यदेव पचौरी ने बताया कि योजना का मुख्य उद्देश्य गॉवों में बढ़ती बेरोजगारी तथा ग्रामीण शिक्षित बेरोजगार युवकों का शहरों की ओर पलायन रोकना है। साथ ही लोगों को उनके गांव में रोजगार मुहैया कराकर आत्मनिर्भर बनाना है। उन्होंने बताया कि इस योजना से जिला उद्योग केन्द्र, खादी एवं ग्रामोद्योग आयोग तथा उप्र खादी तथा ग्रामोद्योग बोर्ड द्वारा सहायतित समस्त ग्रामीण इकाइयां लाभान्वित होंगी। प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अन्तर्गत वित्त पोषित इकाईयों को इस योजना के माध्यम से 13 प्रतिशत तक ब्याज उपादान की सुविधा तीन वर्षों तक उपलब्ध कराई जायेगी। खादी मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम में लागत अधिक होने से सामान्यत: इकाइयां बीमार हो जाती है तथा रोजगार भी प्रदान नहीं कर पाती हैं।
पं0 दीनदयाल ग्रामोद्योग रोजगार योजना द्वारा ऐसी स्थिति से उबरने में मदद मिलेगी तथा भविष्य में स्थापित इकाइयां सुदृण होगी। उन्होंने बताया योजना की समस्त प्रक्रिया ऑनलाइन की जायेगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अन्तर्गत ऋण स्वीकृति, वितरित होने के बाद ही इकाइयां इस योजना के तहत ब्याज उपादान के लिये पात्र होंगी। चालू वित्तीय वर्ष में स्वीकृत परियोजना पर ब्याज उपादान देय होगा। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के अन्तर्गत नोडल बैंक से उद्यमी को दी जाने वाली मार्जिनमनी, अनुदान की धनराशि प्राप्त होने के पश्चात बैंक द्वारा कुल परियोजना लागत में मार्जिनमनी की धनराशि एवं लाभार्थियों के अंशदान को घटाते हुए ब्याज उपादान का क्लेम प्रत्येक छमाही जिला ग्रामोद्योग अधिकारी को प्रस्तुत किया जायेगा। इसके पश्चात ब्याज उपादान की धनराशि सात दिन के अन्दर लाभार्थी के पक्ष में बैंक को उपलब्ध करा दी जायेगी।
खादी एवं ग्रामोद्योग मंत्री ने बताया कि ऐसे उद्यमी जिन्होंने ऋण का दुरुपयोग किया हो, प्रोजेक्ट का कार्य समय से पूरा करने में लापरवाही बरती हो तथा इकाई बंद हो, उनको ब्याज उपादान का लाभ नहीं दिया जायेगा। इसके अतिरिक्त यदि उद्यमी द्वारा पं0 दीनदयाल ग्रामोद्योग रोजगार योजना का लाभ लेने के बाद तीन वर्ष के अन्दर उद्योग बंद कर दिया जाता है, तो ऐसी दशा में उद्यमी से ब्याज उपादान की वसूली भी की जायेगी। उन्होंने यह भी बताया कि इस संबंध में शासनादेश जारी कर दिया गया है।