अयोध्या। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब 5 अगस्त को अयोध्या के राम मंदिर का भूमि पूजन करने के साथ इसके निर्माण का शुभारंभ करेंगे। ट्रस्ट की अयोध्या बैठक में शनिवार को राम मंदिर के शुभारंभ के लिए पीएम को 3 और 5 अगस्त की तिथियां प्रस्तावित की गई थी, जिसमें से 5 अगस्त की तिथि पर पीएमओ की मुहर लग गई है। इसकी पुष्टि ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास के उत्तराधिकारी महंत कमल नयन दास ने कर दी है। इस खबर के आने के बाद अयोध्या के संतों ने खुशी जाहिर की है।
श्रीराम जन्मभूमि पर भूमि पूजन को लेकर प्रधानमंत्री कार्यालय से अधिकारिक सूचना मिलने के बाद से ही रामादल ट्रस्ट मुख्यालय पर खुशी का माहौल है। 14 जनवरी 2014 से ही प्रधानमंत्री मोदी के स्वस्थ्य दीर्घायुष्य जीवन एवं भारत को विश्व गुरू बनाने के प्रयासों की सफलता के निमित्त निरन्तर आध्यात्मिक शक्तियों के आह्वान की प्रक्रिया में यज्ञ-महायज्ञ महानुष्ठान कर रहे पण्डित कल्किराम ने जिस समय महानुष्ठान का श्रीगणेश किया था उस समय प्रधानमंत्री पद के लिए मोदी के नाम की चर्चा भी नहीं थी। दृढ़संकल्प के साथ शुरू महानुष्ठान निरन्तर संचालित रहा।
प्रधानमंत्री पद पर पूर्ण बहुमत के साथ मोदी ने प्रधानमंत्री पद की शपथ ली तो कल्कि राम का विश्वास सातवें आसमान पर पहुंच गया। प्रधानमंत्री मोदी की हर विदेश यात्रा पर विशिष्ट महानुष्ठान का आयोजन होता रहा। पण्डित कल्किराम के अनुसार, मोदी ने अब तक कुल 84 विदेश यात्राएं की, 14 जनवरी से शुरू महानुष्ठान 5 वर्ष का रहा जो 7 अक्तूबर 2019 को विजयादशमी पर पूरे विधि विधान के साथ सम्पन्न हुयी और उसी दिन पुनः 5 वर्षीय महानुष्ठान के द्वितीय चरण का संकल्प भी लिया गया जो अनवरत चल रहा है।
आध्यात्मिक शक्तियों के आह्वान में किसी भी प्रकार की कोई कसर न रहने पाये इसके लिए भी प्रत्येक सोमवार को मौन ब्रत धारण कर रुद्राभिषेक का नियम भी अनिवार्य रूप से किया जा रहा है। प्रधानमंत्री के निमित्त अब आदित्य हृदय स्त्रोत महाशक्ति के आह्वान की कड़ी में तीन बार नौचण्डी महायज्ञ, दो बार महामृत्युंजय महायज्ञ, दो बार तन्त्रों विष्णु महायज्ञ, एक बार नव ग्रह जप, सात बार बगला सहस्रनामष्का, सात-सात दिवसीय महानुष्ठान भी किया गया। इन सबके साथ भगवती पीताम्बरा माता बगलामुखी जी का हवनात्मक यज्ञाहुति का कर्म निरन्तर संचालित है और यह अपने लक्ष्य प्राप्ति के लिए समर्पित है।
श्रीराम जन्मभूमि पर प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों की सफलता के लिए विगत 6 वर्षों से धर्म ध्वज अर्थात विजय पताका को मुख्य रूप से मुख्य पुजारी सत्येन्द्रदास के सहयोग से फहराया जाता रहा। समय-समय पर श्रीराम लला को पहनायी जाने वाली नयी पोशाक भी भेंट की गयी। भविष्य में सभी एकादशी अमावस्या पूर्णिमा सहित सभी पर्वों पर नयी पोशाक अर्पित करने का भी संकल्प लिया गया है जो अपने आपमें आध्यात्मिक दृष्टिकोण से अत्यन्त प्रभावशाली और महत्वपूर्ण है।
प्रधानमंत्री मोदी के सतत् महानुष्ठान निर्विघ्न चले इसके लिए राम की पैड़ी पर खण्डहर पड़ी जमीन को किराये पर लेकर श्री अयोध्या जी की सबसे भव्यतम यज्ञशाला का निर्माण कराते हुए भारत को विश्व गुरू बनाने के प्रयासों की शत प्रतिशत सफलता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से ही रामादल ट्रस्ट का गठन किया गया जो विश्व का इकलौता संगठन है। बताते चलें कि रामादल का अस्तित्व त्रेता युग में मर्यादा पुरुषोत्तम प्रभु श्री रामचन्द्रजी के समय में ही लंका युद्ध के समय में हुआ था तबसे आजतक रामादल का कहीं कोई जिक्र तक नहीं किया गया जबकि भगवान के नाम से विश्व पटल पर दो लाख से अधिक संगठन काम कर रहे हैं इसलिए पुनः रामादल का अस्तित्व मे आना भी दैवीय प्रेरणा से ही सम्भव है