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एकता के लिए सबसे पीछे रहने को तैयार : शिवपाल

  • नेताजी जहां खड़े हो जाते हैं, वहीं से होती है समाजवादी पार्टी की शुरुआत

shivpalबिजनेस लिंक ब्यूरो

लखनऊ। परिवार और पार्टी में एकता के लिये समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता शिवपाल सिंह यादव लाइन में सबसे पीछे खड़े होने को भी तैयार हैं। पार्टी की मौजूदा स्थिति पर चिंतित शिवपाल ने समाजवादी विचारधारा और पार्टी को मजबूती देने के लिये आगामी छह जुलाई को समाजवादी सेक्यूलर फ्रंट बनाने का ऐलान किया। इस फ्रंट के अध्यक्ष नेताजी होंगे। इस फ्रंट का गठन समाजवादी पार्टी को मजबूती देने के लिये किया जायेगा। यह मोर्चा कोई राजनीतिक दल नहीं होगा, बल्कि यह सपा का ही हिस्सा होगा, जिसके अध्यक्ष मुलायम होंगे, जबकि वह इसके संयोजक होंगे।

मोर्चे के गठन का उद्देश्य बताते हुये उन्होंने कहा सपा की कमियों को दूर करना इस मोर्चे का उद्देश्य होगा। शिवपाल सिंह यादव ने कहा, सिर्फ चापलूसी और चुगलखोरी की वजह से ही समाजवादी परिवार में झगड़ा हुआ। जो कल तक परिवार के झगड़े की आग में घी डालने के लिये जिन्दाबाद-मुर्दाबाद के नारे लगाते थे, वह आज गले में केसरिया अंगौछा डालकर घूम रहे हैं। शिवपाल सिंह यादव ने आगाह करते हुये कहा, चापलूस और चुगलखोर किसी के सगे नहीं हो सकते हैं। जिनकी वजह से समाजवादी पार्टी कमजोर हुई, उन लोगों को नैतिक जिम्मेदारी लेते हुये खुद ही अपने पदों से त्याग पत्र दे देना चाहिये।

युवा समाजवादी पीढ़ी को सलाह देते हुये उन्होंने कहा सार्वजनिक जीवन में नैतिकता का विशेष महत्व व स्थान है इसलिये युवा पीढ़ी पहले नैतिकता सीखें। सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के संबंध में उन्होंने कहा कि नेताजी जहां खड़े हो जाते हैं, वहीं से समाजवादी पार्टी की शुरुआत होती है। परिवार में एकजुटता पर उन्होंने कहा यह मैंने नेताजी पर छोड़ दिया है, वह जो आदेश देंगे उसी का पालन करुंगा। मैं बात करने को तैयार हूं। मगर, शर्त यही है कि नेताजी का सम्मान लौटाया जाय। रही बात मेरी, तो मैं पार्टी और परिवार में एकता के लिये लाइन में सबसे पीछे खड़े होने को भी तैयार हूं।

आगामी 27 अगस्त को पटना में राष्ट्रीय जनता दल मुखिया लालू प्रसाद यादव की रैली में अखिलेश और बसपा प्रमुख मायावती के मंच साझा करने की खबर पर शिवपाल ने कहा कि अगर परिवार एक हो जाये, तो बैसाखियों की जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने आगाह किया कि अगर नेताजी की उपेक्षा यूं ही होती रही, तो इस विधानसभा चुनाव में महज 47 सीटें जीतने वाली सपा की स्थिति भविष्य में इससे भी बुरी हो जायेगी। शिवपाल ने कहा कि सेक्युलर मोर्चा में उपेक्षित लोगों को शामिल किया जायेगा। साथ ही, समान विचारधारा वाली अन्य पाॢटयों को भी एक मंच पर लाने का प्रयास किया जायेगा। क्या यह ‘जनता परिवारÓ को एकजुट करने की नई कवायद है, के जवाब में उन्होंने कहा कि हां, सबसे बात की जायेगी।

मालूम हो कि शिवपाल सिंह यादव सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव को समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाये जाने की मांग कर रहे हैं। बीते माह उन्होंने आरोप लगाया था कि सपा में बार-बार उनका और मुलायम का अपमान किया गया। साथ ही उन्होंने घोषणा की थी कि वह समाजवादी सेक्युलर मोर्चे का गठन करेंगे। साथ ही उन्होंने कहा कि पार्टी कमजोर हो रही है। विपक्ष की भूमिका ठीक से नहीं निभा पा रही है, क्योंकि लोगों को न्याय नहीं मिल पा रहा है।

चुगलखोरी से उपजा परिवार में मतभेद
समाजवादी ‘परिवार’ में मतभेद ‘चापलूसी और चुगलखोरी’ की वजह से हैं। एक जनवरी को अखिलेश के सपा अध्यक्ष बनने के बाद हाशिये पर पहुंचे शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि अगर पूरा परिवार एकजुट हो जाए, तो सपा को अपने भविष्य के लिए ‘बैसाखियों’ के सहारे की जरूरत नहीं पड़ेगी। शिवपाल, पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव की सरपरस्ती में बातचीत करने के लिए तैयार हैं।

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